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दो दिवसीय हड़ताल से प्रभावित हुआ शहर का व्यापार



 

कानपुर: (सूरज वर्मा) यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन के बैनर तले दिनांक 31 जनवरी और 1 फरवरी को सरकारी बैंक के 100000 कर्मियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल करी गयी।

 

कानपुर में इस हड़ताल के चलते लगभग 900 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। कर्मियों की यूनियंस के साथ लगभग 39 राउंड की बातचीत हुई मगर ये भारतीय बैंक संघ के अड़ियल रवैये के कारण बे-नतीजा रही। कामगार अपने वेतन को मिनिमम कोड बिल के अंतर्गत केंद्र कर्मचारियों के बराबर वेतन देने और पुरानी पेंशन, 5 कार्यदिवस की मुख्य मांगो को लेकर बात करते रहे थे।

 

सरकार जहां एक तरफ से योजनाओं बैंकों के माध्य्म से लागू करा रही है वही दूसरी तरफ कर्मियों को वेतन देने में आना कानी कर रही है।

 

हड़ताल के प्रदर्शन मे मुख्य रूप से बैंक ऑफ इंडिया एवं कानपुर AIBOC के अध्यक्ष मनोज चतुर्वेदी, राणा प्रताप सिंह, सौरभ यादव, अंकित अवस्थी, साजिद हमीद, धर्मेंद्र द्विवेदी, आज़ाद सिंह, प्रकाम्या यादव और शालिनी अवस्थी शशांक शर्मा आदि सैकड़ो कर्मी मैजूद रहे ।


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